जिस दिन आप इस दुनिया से गए,
मेरी दुनिया सूनी कर गए!
न साँस आ रही थी, न आवाज़ ही निकल रही थी,
सब सुन्न पड़ गया था, ज़िन्दगी थम सी गयी थी!
आपका जाना स्वीकार नहीं कर रहा था दिल-ओ-दिमाग,
क्यों चले गए आप?
आँखें आँसुयों से भर जाती हैं,
जब यादें आपकी मौत की आती हैं!
आपके आँगन में खेली,
पढ़-लिख बड़ी होली!
फिर एक दिन आपने अपने दिल के टुकड़े को ब्याह दिया,
आँसुयों ने दोनों के दामन को भिगो दिया!
आज आपकी बिटिया अकेली है,
क्योंकि उसका हाथ पकड़ने वाला कोई नहीं है!
बहुत याद करती है आपको आपकी बिटिया,
आपके बारे में सोच रोती है आपकी बिटिया!
बस इक बार आ जाओ फिर से,
मुझे प्यार से बुला, सहला, चले जाना फिर!
बस यही मांगती हूँ दिल से,
मुझे प्यार से बुला, सहला, चले जाना फिर!
मुझे प्यार से बुला, सहला, चले जाना फिर!
June 23, 2011 at 1.00 A.M.
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