उसकी गली से गुज़रा
खिड़की की ओट से झाँकता उसका चेहरा
दिल पर जादू सा कर गया
नज़रों से नज़रें मिलीं
एक ही नज़र में कई वायदे हो गए
हवा में बिखरी उसकी खुशबू
मैं साथ ले आया
आज जब उससे मिल नहीं पाता
यही खुशबू तीखी गँध बन अब
हर वक़्त मेरे साथ है!!!
May 18, 2011 at 9.22 P.M.
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