CLOSE TO ME

My friends,
It feels good to have my own blog.....there are things which are close to my heart and things which have affected me one way or the other.....my thoughts,my desires,my aspirations,my fears my gods and my demons---you will find all of them here....I invite you to go through them and get a glimpse of my innermost feelings....................

Saturday, February 6, 2010

अनजाना

वो अनदेखा सा था
इक अनजाना
वो भी आगे बढ़ा
मैंने भी हाथ बढाया
फिर न जाने कौन सी आँधी चली
उसकी आहट उसमें दब कर रह गयी
बिना कुछ कहे वो समय के अँधेरे में गुम हो गया
वो अनजाना अनजाना ही रह गया
अपने रहेस्यों को खुद में समेटे
वो चला गया
समय की धारा में वलीन होता
वो चला गया
और उसकी अनकही
उसी के साथ चली गयी
मैं समझ नहीं पायी
इस रहस्य को
पर वो अनदेखा सा अनजाना सा
चला गया!!!!(06.02.2010)

3 comments:

  1. wah proffessor ...aap ki kavita ne mujhe prerit kiya hai ..achaa laga aapko padhna

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  2. waaah kya baat hai, bahut khoob, behad khubsurat

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