अँधेरा हर चीज़ को खा जाता है
अँधेरे में साया भी साथ छोड़ देता है
पर रोशनी की एक छोटी सी किरण
अँधेरे को चीर कर रख देती है
और
अँधेरा, जो स्वयं को बहुत बलवान समझता है,
रोशनी के आते ही गायब हो जाता है
और उसमें समा जाता है
अँधेरे से घबराना बेवकूफी है,
नासमझी है, नादानी है
क्योंकि आशा की रोशनी
सदा हर अँधेरे को ख़त्म कर देती है!!(10.05.2002)
आशा की रोशनी
ReplyDeleteसदा हर अँधेरे को ख़त्म कर देती है!!
wah
professor aapne padha na aapne kya likha hai
ye sandeshaapke liye bhi hai
asha ki roshni shigra aane wali hai ...