दो लोग, जो साथ-साथ चल रहे हैं;
क्या वे सचमुच साथ हैं?
क्या वे "साथ" का अर्थ समझते हैं?
वे साथ हैं,क्योंकि वे शादी-शुदा हैं!
वे साथ हैं,क्योंकि उनके बच्चे हैं!
क्या साथ रहने का कारण यही है?
क्या ये साथ,कुछ समय के बाद,
उनको एक दूसरे से दूर नहीं कर देता?
क्या उनका साथ केवल एक
समझौता नहीं बन कर रह गया?
जहाँ दो लोग,नदी के दो किनारों की तरह
साथ तो चल रहे हैं,पर कभी मिलते ही नहीं!
साथ-जो केवल शारीरिक है,
जिसमें कोई आत्मीयता,कोई अपनापन नहीं!
साथ,जो नासूर बन,दिन-रात रिसता रहता है!
क्या ऐसा साथ बहुत दिन तक चल पायेगा,
उन दो लोगों के बीच,
जो केवल साथ-साथ चल रहे हैं?
और साथ चलते हुए भी साथ नहीं हैं?(12.09.2001)
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