CLOSE TO ME

My friends,
It feels good to have my own blog.....there are things which are close to my heart and things which have affected me one way or the other.....my thoughts,my desires,my aspirations,my fears my gods and my demons---you will find all of them here....I invite you to go through them and get a glimpse of my innermost feelings....................

Tuesday, December 28, 2010

ख़ता

ख़ता हुई हम से,
आपके मिज़ाजे ख़राब का हाल नहीं पूछा!
माफ़ कर दीजेयेगा हमें!
गुनाहगार हैं आपके!
जो भी सज़ा देंगे,
मंज़ूर होगी,
सर झुका कर मान लेंगे!
ख़तावार हैं
अपनी ख़ता कबूल करते हैं!
नहीं चाहते की आप नाराज़ हो हमसे,
क्योंकि आपकी दोस्ती है हर शेह से प्यारी हमको!
December 28,2010 at 8.35P.M.

Open relationship

Being with you,
I felt comfrtably happy,
lovingly friendly,
affectionately warm.
Could talk about anything,
Loved everything.
Essence of an open relationship,
without labelling it,
without giving it a name,
we have true friendship.
Felt secure and warm,
knew can come to no harm.
Sitting with you was not weird,
but natural and real.
No pressure, no stigma,
no emotional block, no hang-up.
Tied down yet free,
bound yet independent.
Two friends, who have met by chance
yet that friendship life has enhanced.
Am grateful that you are my friend.
God bless you always.
Stay as you are.
Walk with me whenever you can
and lighten my load with your love and affection.
December 28, 2010 at 5.27 P.M.

Friday, December 24, 2010

बिक्री.......

सच्चाई बिकती है सरे बाज़ार
एक नहीं हज़ार बार
इन्सां जब अपनी पर उतर आता है
अपने हर इक झूठ से, इश्वर को शर्मसार करता है
बोली लगती है इन्सां के संसार में इश्वर की
टके भाव बिकती है इंसानियत भी
इंसान को ही नहीं आती शर्म बस
साड़ी क़ायनात शर्माती है उसकी करनी से हर वक़्त
बेच रहा है दीन-ओ-ईमां
हर पल, हर घड़ी
क्या पायेगा मालूम नहीं
बिकता चला जा रहा है पैसे की होड़ में
खुद को बेचता
हर इक को रोंद्ता
सब बिकाऊ है
बोली लगती रहेगी........
December 24, 2010 at 11.27 P.M.

Monday, December 13, 2010

अधूरी आस .......

काश ऐसा होता कि तेरी बन आती दुनिया में
शायद इसी जहाँ में स्वर्ग मिल जाता
मगर ऐसा हो न सका
अब ये ख्वाहिश है कि तेरी हो के रह जाऊं
शायद यह भी मुमकिन नहीं मेरे लिए
तेरे चंद लम्हों के दीदार से
आ जाती है जो चेहरे पे रौनक
कई दिन गुज़ार देते हैं हम
बस उसी रौनक का नज़ारा करते!!!!
December 13, 2010 at 11.41 P.M.

Tuesday, December 7, 2010

कान्हा का जन्म-दिन...

आज है कान्हा का जन्म-दिन

खुशियों से भरा है यह दिन

कान्हा आया आज इस दुनिया में

उद्धार हो गया लोगों का

मन में सबके लिए प्यार

कान्हा कहे बारम्बार

मैं तो राधे के रंग रंगा

मीरा के मन बसा

राधा बसी मेरे रोम-रोम

वो डोर तो मैं पतंग

दोनों इक दूजे के लिए

दोनों इक दूजे बिना अधूरे

कान्हा का तो जन्म ही हुआ है

राधा के लिए

राधा है तो कान्हा है

कान्हा है तो राधा

कान्हा के जन्म पर सबसे प्रसन्न है राधा

इस लिए देती कान्हा को बधाइयाँ

तुम हो

तुम रहोगे

सदा के लिए

सबके लिए

अपितु राधा के लिए

तुम विशेष रहोगे

क्योंकि राधा है तुम्हारा ही अंग

राधा तुम में समाई है

तुम राधा में

राधा की बधाई कबूल करो

हे कान्हा

तुम्हारे जन्म से ही है राधा का जन्म सफल!!
December 6, 2010 at 1. 03 A. M.
On Rakesh Mutha's birthday

Wednesday, December 1, 2010

Displaced people

Displaced people
Homeless
Rootless
Thrown from here to there
Blown by wind like husk
Weightless
Body-less
Soul-less
Crushed under the feet
Trying to survive
Nothing in sight
Looking
Searching
Merely existing......
December 1, 2010 at 7.53 A.M.