तुम होते ग़र साथ आज,
इस बात पर हँसते,
इस बात पर गुस्सा करते,
किसी बात को लेकर झगड़ते,
किसी बात के कारण मनाते,
तुम होते ग़र साथ आज!
हर लम्हा इक यादगार लम्हा होता,
वक़्त जैसे हमारे लिए ही होता,
न किसी का डर,
न कोई फ़िक्र,
बस तुम्हारा साथ होता,
हाथ में हाथ होता,
तुम होते ग़र साथ आज!
इक आनंदमयी शाम होती,
बस दोनों की बात होती,
तुम होते ग़र साथ आज!!!!
May 8, 2012 at 6.16 P.M.
bhaut khubsuraT RACHNA....
ReplyDeleteshukriya Sushma...
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