पानी के बिना क्या जीवन है
पानी है तो सब है
वरना सब व्यर्थ है
आज इंसान चाँद पर पानी ढूँढ रहा है
और न मिला है पानी उसे मंगल पर
धरती पर पानी है तो उसे व्यर्थ गवाँ रहा है
आज भी अगर जागे
तो सवेरा होगा
नयी सुबह का सूरज मुस्कुराएगा
आओ मिल कर प्रण करें
पानी को बचायेंगे
अपनी आने वाली नस्लों के
उनके लिए प्यासी बंजर धरती
की धरोहर नहीं छोड़ कर जायेंगे
उन्हें देंगे एक हरा-भरा संसार
जिसमें न ही पानी की कमी हो
और न जीवन की!!!(23.03.2010)
हर रंग को आपने बहुत ही सुन्दर शब्दों में पिरोया है, बेहतरीन प्रस्तुति ।
ReplyDeleteshukriya....
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