तू किन भूल-भूलायिओं में खोया है?
मैं तो सदा तेरे साथ था!
दुखों से हताश जब तू ग़मगीन पड़ा था,
तब भी मैं तेरे साथ था!
जब तू तपती रेट में नंगे पाँव चल रहा था,
और पाँव के छालों के दर्द से तू कराह रहा था,
तब भी मैं तेरे साथ था!
मेरे क़दमों के निशाँ शायद उस वक़्त तुझे दिखे नहीं,
क्योंकि उन दुखों के वक़्त में तू मेरी गोद में था!
तू यह कैसे भूल गया कि मैं तेरे लिए ही हूँ!
जहाँ-जहाँ तू राह भटकेगा,
मैं तुझे वहीँ मिलूँगा,
तेरा हाथ थाम तुझे सही राह पर ले जाने के लिए!!(24.05.2010)
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