तुम्हारी आँखों से खुद को देख,
खुद पर गुमाँ हो आया है!
देखने के तुम्हारे अंदाज़ ने,
खुद से भी प्यार करवाया है!
मेरे दिल, मेरी रूह को,
तुम्हारे देखने से,
सकूँ आता है!
किसी और को देखने की,
कोई चाहत नहीं!
तुम्हारे देखने ने किया है ऐसा जादू,
कि मगरूर हो गए हैं!
अपनी नज़र-इ-इनायत बनाये रखना यूँ हीं,
आपके देखने ने हमें फ़लक तक पहुँचाया है!!!!
July 07, 2012 at 2.59 P.M.
No comments:
Post a Comment