CLOSE TO ME

My friends,
It feels good to have my own blog.....there are things which are close to my heart and things which have affected me one way or the other.....my thoughts,my desires,my aspirations,my fears my gods and my demons---you will find all of them here....I invite you to go through them and get a glimpse of my innermost feelings....................

Thursday, June 21, 2012

लाल बत्ती का नशा...........


भोंपू, लाल बत्ती वाली गाड़ी का,
ज़ोर से बोल उठा-
"हट जा मेरे रास्ते से,
मैं कौन हूँ पता नहीं क्या?"
वातानाकूलित गाड़ी में बैठे अफसर जैसे,
लाल बत्ती भी अफसरी झाड़ने से बाज़ न आई!

लाल बत्ती के भीतर बैठा आँखों से अँगारे उगलता,
चेहरे पर परम शान्ति का मुखौटा ,
अपने होने के अर्थ को देख खुश होता है
भीतर ही भीतर
जाहिर नहीं करता .....

खुश दिखने के ढेरों उपकरण हैं उसके पास
इतने तनाव में क्‍यूं रहता है फिर ...किसी को क्‍या पता...
सब बंदगी में हैं उसकी,
बंदों की जात बंदगी के लायक देवता ढूंढ ही लाती है....


और कमाल है....लाल बत्‍ती रोशनी से ज्‍यादा शोर करती है...
तब भी कितनी चमक रहती है....कितनी दमक रहती है
उसे चलाते ड्राइवर के चेहरे तक पर....

असमंजस में हूं लाल बत्‍ती की गाड़ी में बैठे
उस शख्‍स से भी बड़ी क्‍यों है बत्‍ती....
June 21, 2012 at 6.03 P.M.


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