CLOSE TO ME

My friends,
It feels good to have my own blog.....there are things which are close to my heart and things which have affected me one way or the other.....my thoughts,my desires,my aspirations,my fears my gods and my demons---you will find all of them here....I invite you to go through them and get a glimpse of my innermost feelings....................

Monday, April 2, 2012

बहती रही गंगा......

भागीरथी गंगा को धरती पर उतार लाये,
पापियों का उद्धार करने के लिए!
गंगा की उदारता तो देखो,
सबके पाप अपने में समेट,
बस बहती रही!!
खोजने से भी नहीं मिला,
उसकी छाती पर कोई घाव!
अपनी गन्दगी डालते रहे उस में,
रिसते नासूर धोते रहे!
गंगा तब भी बहती रही!!
अपने सपनों की उम्मीद लिए,
गंगा में डुबकी लगाते,
मोक्ष माँगते,
अपने पैरों तले,
गंगा की पावन लहरों को रोंदते,
आगे बढ़ते रहे,
गंगा तब भी बहती रही!!
नदियाँ भी मिलीं उसमें,
और नाले भी,
गंगा का पानी,
तब भी निर्मल ही रहा!
सबकी पीड़ा को अपने अंतर्मन में समेटती,
गंगा तब भी बहती रही!!
उफ़ न की, कोई आवाज़ नहीं,
बस गंगा बहती रही!!!!
April 2, 2012 at 9.59 P.M.

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