काफ़ी नहीं हाथ पकड़ कर रखना।
ज़िन्दगी भर हाथ थाम चलो, तो बात बने।।
दूरियां तो हैं यकीनन।
मुलाकातों का सिलसिला जारी रहे, तो बात बने।।
रंजिशों का दौर जारी रहे तो रहे।
मुहब्बत के जाम छलकते रहें, तो बात बने।।
चंद लम्हों की है ज़िन्दगी।
आशनाई यूं ही बनी रहे, तो बात बने।।
तेरे संग इक लम्हा बिताने की हसरत।
उस लम्हे की ताब सहने की हिम्मत हो, तो बात बने।।
वक़्त है कि थमता नहीं।
जुदाई का ये आलम थमे, तो बात बने।।
राहें तो बहुत हैं हर ओर।
तेरे दर तक जो राह ले जाए, तो बात बने।।
(November 19, 2019 at 12.50 P. M.)
ज़िन्दगी भर हाथ थाम चलो, तो बात बने।।
दूरियां तो हैं यकीनन।
मुलाकातों का सिलसिला जारी रहे, तो बात बने।।
रंजिशों का दौर जारी रहे तो रहे।
मुहब्बत के जाम छलकते रहें, तो बात बने।।
चंद लम्हों की है ज़िन्दगी।
आशनाई यूं ही बनी रहे, तो बात बने।।
तेरे संग इक लम्हा बिताने की हसरत।
उस लम्हे की ताब सहने की हिम्मत हो, तो बात बने।।
वक़्त है कि थमता नहीं।
जुदाई का ये आलम थमे, तो बात बने।।
राहें तो बहुत हैं हर ओर।
तेरे दर तक जो राह ले जाए, तो बात बने।।
(November 19, 2019 at 12.50 P. M.)
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