बदल रहा है सब,
पलक झपकते ही,
बिस्तर अब पलंग हो गया है
स्टील का एक ढाँचा
ठंडा, सख़्त, चमकीला,
मेरी भावनाओं से मेल खाता
गर्द है चारों ओर
चिलचिलाती हवा जैसी,
कोयले और तूफ़ान सी काली,
मेरे पापों सी सियाह,
पलक झपकते ही,
बिस्तर अब पलंग हो गया है
स्टील का एक ढाँचा
ठंडा, सख़्त, चमकीला,
मेरी भावनाओं से मेल खाता
गर्द है चारों ओर
चिलचिलाती हवा जैसी,
कोयले और तूफ़ान सी काली,
मेरे पापों सी सियाह,
बहुत देर तक सहती रही,
एक औरत बहुत बर्दाश्त कर सकती है,
दो को बर्बाद कर सकता है कोई तीसरा
केवल एक दाँव चाहिए,
सब नष्ट करने के लिए
एक औरत बहुत बर्दाश्त कर सकती है,
दो को बर्बाद कर सकता है कोई तीसरा
केवल एक दाँव चाहिए,
सब नष्ट करने के लिए
तुम थे वहाँ
मुझे घुटने के बल गिड़गिड़ाते देखते रहे,
किस तरह का आदमी मुझे से पूछेगा
कि वो कोई सौदा कर ले?
भविष्ये में प्रेमी जब ये पंक्तियाँ पढेंगे
उनके मन में
स्टील और तूफ़ान की आवाज़ गूँजेगी
मुझे घुटने के बल गिड़गिड़ाते देखते रहे,
किस तरह का आदमी मुझे से पूछेगा
कि वो कोई सौदा कर ले?
भविष्ये में प्रेमी जब ये पंक्तियाँ पढेंगे
उनके मन में
स्टील और तूफ़ान की आवाज़ गूँजेगी
बहुत देर तक सहती रही,
एक औरत बहुत बर्दाश्त कर सकती है,
दो को बर्बाद कर सकता है कोई तीसरा
केवल एक दाँव चाहिए,
सब नष्ट करने के लिए
एक औरत बहुत बर्दाश्त कर सकती है,
दो को बर्बाद कर सकता है कोई तीसरा
केवल एक दाँव चाहिए,
सब नष्ट करने के लिए
राख़ तेज़ी से बिखर रही है
लाल सुर्ख़ ख़ून में बदल रही है
असामान्य है महसूस करना
कितनी स्पष्ट और साफ़ दिखती हैं
वो चीज़ें जो प्रेम से उपजती हैं
लाल सुर्ख़ ख़ून में बदल रही है
असामान्य है महसूस करना
कितनी स्पष्ट और साफ़ दिखती हैं
वो चीज़ें जो प्रेम से उपजती हैं
(February 6, 2019 at 10.50 P. M.)
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