CLOSE TO ME

My friends,
It feels good to have my own blog.....there are things which are close to my heart and things which have affected me one way or the other.....my thoughts,my desires,my aspirations,my fears my gods and my demons---you will find all of them here....I invite you to go through them and get a glimpse of my innermost feelings....................

Friday, January 8, 2010

अंश

मेरी कोख से पैदा हुआ
मेरे लहू के कतरों ने जिसे सींचा
मेरे कलेजे का टुकड़ा
मेरा अंश
मेरी ऊँगली पकड़ कर चला
मेरी बातों से हँसा
मैं गीले में सोयी
उसे सूखे में सुलाया
उसके हँसने से हँसी
उसके रोने से रोयी
आज वह कहता है
"माँ तू कुछ मत कह
तेरे पास मेरे लिए वक़्त नहीं
मैं अपनी ज़िन्दगी खुद जी लूँगा
बस मुझे रहने दे, छोड़ दे"
मैं एक माँ---
कलेजे के टुकड़े ने कलेजे के टुकड़े कर दिए
आज बैठी हूँ इन टुकड़ों को समेटने
तो सिवाए दर्द के कुछ नहीं मिलता
इक तीस सी उठती है
और दर्द का एहसास औए गहरा हो जाता है
कहाँ है मेरा वो लाल
जो मेरे लिए कुछ भी कर सकता था
आज इस माँ की व्यथा को कौन समझ सकता है
शायद माँ की नियती यही है
घोंसला छोड़ कर उड़ जाता है इक दिन नन्हा पंछी
माँ बस उसे उड़ कर जाते हुए देखती रहती है!!!!!!!!!!(20.12.2009)

3 comments:

  1. shayad maa ki niyti yahi hai
    ghosla chod kar ek din ud jaata hai nanha panchi
    maa bas usse udhte huye dekhti rehti hai!!!!!!!!!
    MAA agar ye sach jaan jaye to chiya ki tarah ud sakti hai swachand ..aakash mein ..magar aisa kaha ho paatta hai ...sunder prastuti sahaj v sacha bayan

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  2. wah,
    ek dard bhari vyatha jo sunder aksharon mai utaar di aapne

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