कभी बेटी कभी बहन
कभी पत्नी कभी माँ
टुकड़े हुई ज़िन्दगी में
खुद को दूंढ़ती हूँ
सोचा तो पाया
की मेरा अस्तित्व
इन सब का समावेश तो है ही
मैं बेटी बहन पत्नी माँ तो हूँ ही
परन्तु मैं इन सब से ऊपर भी हूँ
क्या मैं केवल उस युगपुरुष की पसली से जन्मी हूँ
जो स्वयं मेरी कोख से पैदा होता है
मैं उस निराकार भी आकार हूँ
जो मेरे मन में बसता है
मैं सब कुछ हूँ
और सब से ऊपर भी हूँ
क्योंकि मैं हूँ!!!!!!!(07.03.2007)
औरत जननी है
ReplyDeleteयुगपुरुष,राजे,महाराजे,पीर,पैगम्बर सभी इसकी कोख से जन्मे है
सच मे औरत सबसे उपर है