तुम्हारे साथ बिताये अच्छे-बुरे लम्हे,
आज भी मुझे गुद-गुदा जाते हैं!
हर लम्हा एक मीठी याद,
कुछ अपने में लिए कडवी, खट्टी याद!
कुछ हँसाते लम्हे, कुछ रुलाते,
सब मुझे हैं याद आते!
तुम्हारा नाम याद करते ही,
होठों पे खिल जाती है हँसी सी!
गहरे आसमान पर सितारों का निखार है,
जानती हूँ कि तुम भी उन्हीं सितारों को देख रहे हो!
आँखें बंद कर दिल खुश होता है,
कि ख्वाबों में तुम आओगे, मुझे है यकीं!
ख्वाबों में इक बार फिर जीती हूँ,
तुन्हारे साथ बिताया हर लम्हा!
होठों से लेती हूँ तुम्हारा नाम,
हवा के परों पर सवार,
जब तुम तक पहुँचता है,
क्या तुम भी मुस्कुराते हो?
हवा फुसफुसाती है तुम्हारा नाम,
हर लम्हे में बसी है तुम्हारी याद!
लम्हे बन गए हैं ख्वाब,
ख्वाब हैं लम्हे!
अब तो आ जाओ मेरे पास,
कि ख्वाब हो हकीकत,
और हर लम्हा हो लाजवाब!!!!
July 18, 2011 at 8.39 P.M.
सब मुझे हैं याद आते!
ReplyDeletebhaut sundar abhivaykti...
ReplyDeleteलम्हों में बुनते ख्वाब... बहुत ही खुबसूरत....
ReplyDeleteखूबसूरती से बुने ख्वाब
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