मेरा दोस्त ना जाने कहाँ खो गया है?
कहता है कि हमारी बात करो!
क्या उसे नहीं पता कि "हम" नहीं हैं?
मैं भी बटी हुई हूँ,
और वो भी!
शायद मैं कुछ ज्यादा और वो थोडा कम!
क्या फुर्सत नहीं उसके पास,
या कम बात करना चाहता है?
क्या मेरे लिए वक़्त इस लिए नहीं,
कि अब मैं और मेरी बातें,
बोझ लगने लगी हैं उसे?
वो कहता है कि क्या बात करें?
मेरे पास तो बहुत है उसे कहने को!
क्या वक़्त है उसके पास सुनने को?
मेरी जगह शायद कम हो गयी उसकी ज़िन्दगी से!
क्या पता ऐसा ना हो!
शायद मेरे मन का भ्रम हो!
मैं तो वहीँ हूँ जहाँ से मेरा दोस्त गया था!
वो भी शायद मुझे मिल जाए वहीँ,
जहाँ से वो गया था!!!June 6, 2010 at 1:38pm
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