CLOSE TO ME

My friends,
It feels good to have my own blog.....there are things which are close to my heart and things which have affected me one way or the other.....my thoughts,my desires,my aspirations,my fears my gods and my demons---you will find all of them here....I invite you to go through them and get a glimpse of my innermost feelings....................

Thursday, June 23, 2011

पिता का आँगन

जिस दिन आप इस दुनिया से गए,
मेरी दुनिया सूनी कर गए!
न साँस आ रही थी, न आवाज़ ही निकल रही थी,
सब सुन्न पड़ गया था, ज़िन्दगी थम सी गयी थी!

आपका जाना स्वीकार नहीं कर रहा था दिल-ओ-दिमाग,
क्यों चले गए आप?
आँखें आँसुयों से भर जाती हैं,
जब यादें आपकी मौत की आती हैं!

आपके आँगन में खेली,
पढ़-लिख बड़ी होली!
फिर एक दिन आपने अपने दिल के टुकड़े को ब्याह दिया,
आँसुयों ने दोनों के दामन को भिगो दिया!

आज आपकी बिटिया अकेली है,
क्योंकि उसका हाथ पकड़ने वाला कोई नहीं है!
बहुत याद करती है आपको आपकी बिटिया,
आपके बारे में सोच रोती है आपकी बिटिया!

बस इक बार आ जाओ फिर से,
मुझे प्यार से बुला, सहला, चले जाना फिर!
बस यही मांगती हूँ दिल से,
मुझे प्यार से बुला, सहला, चले जाना फिर!
मुझे प्यार से बुला, सहला, चले जाना फिर!
June 23, 2011 at 1.00 A.M.

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