CLOSE TO ME

My friends,
It feels good to have my own blog.....there are things which are close to my heart and things which have affected me one way or the other.....my thoughts,my desires,my aspirations,my fears my gods and my demons---you will find all of them here....I invite you to go through them and get a glimpse of my innermost feelings....................

Monday, October 9, 2023

 रात नींद आंखों से कोसों दूर थी।

टकटकी लगाए आंखें छत की ओर देख रहीं थीं।
ज़हन में सवालों का ताना-बाना,
किसी करवट चैन नहीं लेने दे रहा था।
न जाने किन‌ सवालों से परेशान है मन?
जाने किसके लिए हैं
ये आंखें नम?
रात भर दर्द से भरी
आहें निकलती रहीं।
शमा की आंखों से लहू टपकता रहा।
नींद की आगोश में आंखें,
न जाने क्यों नहीं जाना चाहतीं?
सोचती हैं
जिसका इंतज़ार है,
शायद वो छम से आ जाए
और रात/ ज़िंदगी को रंगीन कर दे।।

 उन में कुछ तो ऐसा होगा,

जो प्यार करने लायक है।
हम में शायद वो ख़ूबी ही नहीं।।

Best Friends

 The best of friends can change a frown.

into a smile,
when you feel down.
The best of friends will understand, your little trials and lend a hand.
The best of friends will always share, your secret dreams
because they care.
The best of friends are worth more than gold.
They give all the love,
a heart can hold.

 गुमशुदगी की तलाश में इस कदर खोई हूं,

कि भीड़ में भी ख़ुद को अकेला महसूस करती हूं।।

(August 8, 2023 at 6.40 A. M.)

 बदल जाती हैं आदतें वक्त के साथ।

ज़रूरतें कम होती हैं, बदलती नहीं।।
तुम मुहब्बत हो, ज़रुरत हो।
नहीं चाहती कि तुम्हारी ज़रूरत कम हो,
कि तुम से मुहब्बत करना इबादत से कम नहीं।।
(August 8, 2023 at 10.43 A. M.)

दर्द

 दिल जब टूटता है,

कोई आवाज़ नहीं होती।
केवल दर्द होता है।
यही दर्द
आंखों से
अश्कों के रूप में
बहता है।
अश्क,
जो केवल अश्क न हो कर,
आशिक का ख़ून होते हैं।
क्या इन अश्कों को,
इस दर्द को,
कोई समझता है?
टूटे हुए दिल का साथ
कोई नहीं देता,
जब अपना हमसफ़र ही
साथ छोड़ देता है।
अपने अश्कों के संग,
ख़ुद ही रोना पड़ता है।
अपने दर्द को ख़ुद ही
सहना पड़ता है।
यही दस्तूर -ए दुनिया है।
अपने अश्कों को ख़ुद ही पोंछ कर,
मुस्कुराना पड़ता है।
और
अपने ही दर्द को छिपा,
दुनिया को ख़ुशी का चेहरा दिखाना पड़ता है।।

Hope

 Where is hope,

as hope comes to all?
It does not seem to be
holding my hand at the moment.
Oh! How I wish for hope--
-- the hope which sustains life!

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