CLOSE TO ME

My friends,
It feels good to have my own blog.....there are things which are close to my heart and things which have affected me one way or the other.....my thoughts,my desires,my aspirations,my fears my gods and my demons---you will find all of them here....I invite you to go through them and get a glimpse of my innermost feelings....................

Wednesday, June 5, 2013

कुछ कहना चाहती हूँ आज तुमसे.....




सुनो-----
कि आज कहना चाहती हूँ कुछ तुमसे,
कुछ ऐसा
कि न सुना हो तुमने पहले कभी,
और न कहा हो,
मैंने पहले तुमसे कभी!


कहना चाहती हूँ
कि तुम आदम,
मैं हव्वा,
दोनों को बनाया था
ईश्वर ने,
इक दूजे का पूरक!

कहना चाहती हूँ
कि अंधकारमय था जीवन,
अब तक!
तुमसे मुलाकात क्या हुई,
रौशनी से मुलाकात हो गई!
आज उजालों की लपेट में,
नाच रही है ज़िन्दगी!

कहना चाहती हूँ
कि तन्हाइयाँ पलती थीं
आँखों में!
आज उन में
तेरे दीदार के दिए रौशन हैं!

सुनो-----
कि आज कहना चाहती हूँ कुछ तुमसे,
कुछ ऐसा
कि न सुना हो तुमने पहले कभी,
और न कहा हो,
मैंने पहले तुमसे कभी!

कहना चाहती हूँ
कि तेरे आने से
हर इंतज़ार ख़त्म हो चला है!
जीने की वजह मिल गई है!
रोशन है दिल का हर कोना,
सुरमई रंग छाये हैं हर सु!

(कम ही होता है कि प्यार की दस्तक से गुनगुना उठता दिल का हर कोना......) 
((कोई अफसोस नहीं, कोई भूल नहीं---- केवल प्रेम था हमारे बीच-------))
started writing this poem on August 25, 2012
completed it on June 5, 2013 at 3.58 P.M.






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