CLOSE TO ME

My friends,
It feels good to have my own blog.....there are things which are close to my heart and things which have affected me one way or the other.....my thoughts,my desires,my aspirations,my fears my gods and my demons---you will find all of them here....I invite you to go through them and get a glimpse of my innermost feelings....................

Wednesday, May 18, 2011

जीवन तीखी गंध.....

उसकी गली से गुज़रा
खिड़की की ओट से झाँकता उसका चेहरा
दिल पर जादू सा कर गया
नज़रों से नज़रें मिलीं
एक ही नज़र में कई वायदे हो गए
हवा में बिखरी उसकी खुशबू
मैं साथ ले आया
आज जब उससे मिल नहीं पाता
यही खुशबू तीखी गँध बन अब
हर वक़्त मेरे साथ है!!!
May 18, 2011 at 9.22 P.M.

Tuesday, May 10, 2011

चाँद....

इक चाँद आसमान में है
इक मेरे पहलू मैं
आसमान का चाँद धीरे-धीरे फ़ीका पड़ता हुआ
मेरा चाँद अभी भी अपनी मादक आँखों से
मुझे मदहोश करता हुआ
आसमान का चाँद घटता, बढ़ता
मेरा चाँद अपने में पूरन,
मेरा पूरक
आसमान का चाँद बेजान, ख़ामोश
मेरा चाँद मेरी जान
मेरे आग़ोश में
मुझे हम दोनों के होने का एहसास दिलाता!!!!
May 10, 2011 at 8.15 P.M.

Saturday, April 30, 2011

teri beparwayihaan/तेरी बेपरवायिआं

teri beparwayihaan ne hi te maar ditta
main tarle kar-kar haari haan.
je toon nahin si dena pyar mainu
kyon meriyaan waadhaiyaan saan!!!
तेरी बेपरवायिआं ने ही ते मार दित्ता
मैं तरले कर-कर हारी हाँ!
जे तूँ नहीं सी देना प्यार मैनू
क्यों मेरियाँ उमीदाँ वधाइयां सन!!!
April 30, 2011 at 2.02 P.M.

तेरा साथ......

सब कुछ है फिर भी न जाने किस चीज़ की कमी है?
तेरे साथ हूँ सदा, फिर भी क्यों तन्हाई है?
खिलखिलाता हूँ तेरे साथ और हँसता भी तेरे साथ,
फिर भी न जाने क्यों हर रात आँखों में नमी है?
तुम हो फिर भी न जाने क्यों दिल का दरवाज़ा बंद है?
अब यह एहसास है,
कि तुम हो मेरे साथ,
पर मैं फिर भी अकेला हूँ!!!!!
April 30, 2011 at 9.33 A.M.

Wednesday, April 27, 2011

भ्रष्टाचार

रूस हमारा मित्र है
उसके उधाहरण का पालन करना है!
गर रूस है भ्रष्टाचार में सबसे आगे
तो हम क्यों न उसके पीछे भागें?
भ्रष्टाचार है नारा हमारा
पैसा खायेंगे सारा का सारा
मेहनत से घबराते नहीं
हमने तो नहीं कहा हम खाते नहीं
हर कदम भ्रष्टाचार के लिए बढ़ाएंगे
अपने देश के लिए नाम कमाएंगे!!!!
April 27, 2011 at 8.05 P.M.

Monday, April 25, 2011

बूंद सी जिन्‍दगी

बादलों की गर्जन हुई,
एक पल के लिए उसका दिल कांप गया!
संकुचाई सी,
अपने प्रियतम के आगोश में समां गयी!
उसकी छाती से लग,
धड़कन और बढ़ गयी!
होंठों की कंपन बढ़ी,
नज़रें झुक गयीं!
पर उसने अपना दामन झटक लिया!
उसके प्यार को रुसवा कर दिया!
होठों की कंपन में उसे लाचारी दिखी!
झुकी नज़रों में बेचारगी दिखी!
उसके प्यार को समझ न पाया,
अकेला उसे छोड़ चला गया!
बादलों की गर्जन से,
अब दिल डरता है!
बारिश की बूंदों से,
मन पिघलता है!
होंठ मौन हैं अब,
आँखें वीरान सी,
झुकती नहीं!
वो मूरत है अब पत्थर की,
प्यार के लिए दे दी जिसने ज़िन्दगी!!!!
April 25, 2011 at 6.36 P.M.

Friday, April 22, 2011

विचारो-एहसास

मन में उत्पात मचाते विचारों को,
दिल की गहरायिओं में छिपे एहसासों को,
कागज़ पर उतारते हैं!
विचारो-एहसास शब्द बन जाते हैं!
कुछ अपने लिए,
कुछ दूसरों के लिए,
इन्हीं शब्दों के सहारे,
जीए चले जाते हैं!!!
April 22, 2011 at 9.15 A.M.